Donald Trump द्वारा Tariff नीति और भारत पर प्रभाव

टैरिफ (Tariff) एक ऐसा कर है जो एक देश द्वारा दूसरे देश से आने वाले उत्पादों पर लगाया जाता है। इसका उद्देश्य घरेलू उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाना होता है। जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल 2025 में अपनी "Reciprocal Tariff" नीति को फिर से लागू किया, तो इसका असर 180 से ज्यादा देशों पर पड़ा, जिनमें भारत भी शामिल है।

Reciprocal Tariff नीति क्या है?

यह नीति अमेरिका को अधिकार देती है कि वह उन देशों पर वही दर से टैरिफ लगाए जितना वे अमेरिका पर लगाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि भारत अमेरिका से आने वाले किसी उत्पाद पर 30% टैक्स लगाता है, तो अमेरिका भी भारत से आने वाले समान उत्पाद पर 30% टैरिफ लगाएगा। ट्रंप का दावा था कि इससे अमेरिकी उद्योगों को लाभ मिलेगा और व्यापार में समानता आएगी।

कितने देशों पर टैरिफ लगाया गया?

  • 180 से 200 देशों पर सामान्य 10% का बेसलाइन टैरिफ
  • 57 देशों पर 11% से 50% तक का टैरिफ

प्रमुख देशों पर टैरिफ दरें

  • भारत – 26%
  • चीन – 34%
  • वियतनाम – 46%
  • थाईलैंड – 37%
  • श्रीलंका – 44%
  • बांग्लादेश – 37%
  • जापान – 24%
  • दक्षिण कोरिया – 25%
  • ताइवान – 32%
  • कंबोडिया – 49%

भारत पर इसका प्रभाव

अमेरिका भारत का एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार है। जब टैरिफ बढ़ता है, तो भारत के उत्पाद अमेरिका में महंगे हो जाते हैं। इससे उनकी बिक्री में गिरावट आती है, जिससे भारत के निर्यातकों की आमदनी घटती है और रोजगार पर असर पड़ता है। वस्त्र, ऑटोमोबाइल, दवा उद्योग, और आईटी सेवाएं ऐसे क्षेत्र हैं जो इस नीति से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।

भारतीय बाजारों की प्रतिक्रिया

टैरिफ वृद्धि के कारण भारतीय कंपनियों को नए बाजारों की तलाश करनी पड़ी। सरकार ने दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और ASEAN देशों में व्यापार संबंध मजबूत करने की दिशा में काम शुरू किया। "मेक इन इंडिया" और "एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीम" जैसे कार्यक्रमों में भी तेज़ी आई।

ग्राहकों पर असर

टैरिफ का असर सिर्फ कंपनियों तक सीमित नहीं रहता। जब भारतीय सामान अमेरिका में महंगा होता है, तो वहां के ग्राहक उसे कम खरीदते हैं। वहीं, भारत में भी कुछ अमेरिकी उत्पाद महंगे हो जाते हैं, जिससे यहां के ग्राहकों पर असर पड़ता है। इससे दोनों देशों के उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर पड़ता है।

क्या यह नीति लंबे समय तक टिकेगी?

अमेरिका में यह नीति राजनीतिक रूप से विवादित रही है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ से अमेरिकी उपभोक्ताओं पर भी बोझ बढ़ता है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होती है। यदि आने वाले वर्षों में सरकारें बदलती हैं तो यह नीति समाप्त भी हो सकती है।

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने वैश्विक व्यापार समीकरणों को झकझोर दिया। भारत जैसे देश, जो अमेरिका पर निर्यात के लिए निर्भर हैं, उन्हें वैकल्पिक रास्तों की तलाश करनी होगी। इस नीति से भारत को चुनौती तो मिली है, लेकिन यही समय है अपने घरेलू उद्योगों को मजबूत करने और नए बाजार खोजने का।

एक प्रेरक विचार:

"जब व्यापार पर दीवारें खड़ी होती हैं, तो अवसर सीमित हो जाते हैं। लेकिन जहां रणनीति हो, वहां हर चुनौती में संभावना छुपी होती है।"

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